प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी ऋषि दयानन्द के विद्यागुरु थे। उन्होंने ही स्वामी दयानन्द को अष्टाध्यायी-महाभाष्य पद्धति से व्याकरण पढ़ाया था और शेष समय में उनसे शास्त्रीय चर्चायें करते थे जिससे स्वामी दयानन्द जी ने अनेक बातें सीखी थी।
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