पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी जी एक युवक दार्शनिक विद्वान् थे जिन्होंने चौबीस वर्ष (24) की अल्पायु में ही संस्कृत, अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी, वैदिक साहित्य, अष्टाध्यायी, भाषा विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, नक्षत्र विज्ञान, शरीर विद्या, आयुर्वेद, दर्शन शास्त्र, इतिहास, गणित आदि का जो समयक ज्ञान प्राप्त कर लिया था

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क्या मांस का भूख से सम्बन्ध है ?? भीष्म पाल यादव एवं सनातन धर्म पे आक्षेप उठाने वालो को उत्तर -- उन्होंने रामायण में कुछ श्लोक बताये हैं , जहाँ पे उन्होंने कहा है कि रामायण में मांस भक्षण है , उनके इस आक्षेप को इस लिंक पे जाकर देख सकते हैं, और हम उनके सब प्रश्नों का उत्तर एक एक करके अलग अलग उद्धरणों में देखेंगे --

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भारतवर्ष को अवनति के गढ़े में धकेलने वाला दूसरा बहुत बड़ा कारण है-फलित ज्योतिष।यह फलित ज्योतिष कई भागों में विभक्त है,यथा मुहूर्त्त,नवग्रह पूजा और दिशाशूल।

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भारत भूमि पर पृथु से लेकर हरिश्चंद्र, मान्धाता और रघु से लेकर धर्मराज कृष्ण और युधिष्ठिर तक जितने राजा हुये उनकी संख्या सूची बनाना जितना कठिन है, उनमें "सबसे श्रेष्ठ कौन हैं" इसका उत्तर उतना ही आसान है। सबने एक स्वर में यही कहा है कि भारत- भूमि पर जन्में समस्त राजाओं में सबसे श्रेष्ठ "श्रीराम" थे। शुक्र-नीति में कहा गया है:-

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सृष्टि में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एवं महर्षि बाल्मीकि जी का जन्म होना आर्यों व हिन्दुओं के लिए अति गौरव की बात है।

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