🔷 एक राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ति के लिए आशा लगाए बैठा था पर पुत्र नहीं हुआ ।
🔷 तब तांत्रिकों ने कहा - "राजन ! किसी बच्चे की बलि दे दी जाये तो आपको पुत्र की प्राप्ति हो जायेगी ।
यह बात सुनकर राजा ने अपने राज्य में ढिंढोरा पिटवाया कि जो भी कोई बलि के लिए राजा को अपना बच्चा देगा,
उसे बहुत सारा धन दिया जायेगा ।
🔷 एक परिवार में कईं बच्चें थे, गरीबी भी बहुत थी ।
लेकिन एक ऐसा बच्चा भी था जो भगवान में आस्था रखता था.. परिवार के सदस्यों ने इसे बलि के लिए राजा को दे दिया.
🔷 राजा के तांत्रिकों द्वारा बच्चे की बलि की तैयारी शुरु हो गई ।
बच्चे से पूछा गया कि "तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है ?
क्योंकि आज तुम्हारे जीवन का अन्तिम दिन है ।"
🔷 बच्चे ने कहा - "ठीक है, मेरे लिए रेत मंगवाया जाए ..
बच्चे ने रेत से चार ढेर बनाए । फिर एक-एक करके तीन रेत के ढेर को तोड़ दिया और चौथे के सामने हाथ जोड़कर बैठ गया, कहने लगा -"अब जो करना है, करो ।"
🔷 ये सब देखकर तांत्रिक भी डर गए ।
वे बोले - "ये तुमने क्या किया है ? पहले यह बताओ ।"
🔷 राजा ने भी पूछा तो बच्चे ने जवाब दिया - "राजन !
पहली ढेरी मेरे माता-पिता की है । मेरी रक्षा करना उनका कर्तव्य था,
पर उन्होंने पैसों के लिए मुझे बेच दिया ।
इसलिए मैंने यह ढेरी तोड़ दी ।
दूसरी ढेरी मेरे सगे-सम्बन्धियों की थी ।
उन्होंने भी मेरे माता-पिता को नहीं समझाया ।
तीसरी ढेरी राजा जी आपकी थी। क्योंकि राज्य के सभी इन्सानों की रक्षा करना राजा का ही काम होता है ।
पर राजा ही मेरी बलि देना चाह रहा है तो ये ढेरी भी मैंने तोड़ दी ।
अब चौथी और आखिरी ढेरी मेरे परमात्मा की है ।
जिस पर मुझे पूरा भरोसा है कि वह मेरे साथ कभी अन्याय नहीं कर सकता ।
इसलिए यह एक ढेरी मैंने छोड़ दी है ।"
🔷 राजा ने सोचा पता नहीं इस बच्चे की बलि देने के बाद भी मुझे पुत्र की प्राप्ति होगी भी या नहीं, क्यों न इस बच्चे को ही अपना पुत्र बना लिया जाये !
इतना समझदार और ईश्वर भक्त बच्चा है ।
इससे अच्छा बच्चा कहाँ मिलेगा ? राजा ने उस बच्चे को ही अपना पुत्र स्वीकार करके राजकुमार घोषित कर दिया #Moral...
जो भगवान पर दृढ़ विश्वास रखता है,
उनका बाल भी बांका नहीं हो सकता ।
हर मुश्किल में परमात्मा उसकी किसी न किसी ढंग से सहायता जरुर करता है ।
उनका कभी किसी प्रकार से बुरा नहीं होने देता...