जन्म से सभी शूद्र होते हैं और कर्म से ही वे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनते हैं। वर्तमान दौर में ‘मनुवाद’ शब्द को नकारात्मक अर्थों में लिया जा रहा है।

और अधिक पढ़ें  
5 कमैंट्स

दुनिया में सिर्फ हिन्दू ही बेबकूफ बनाए जाते हैं और सताए भी जाते है । दुर्भाग्य से इनका रहने का एक ही ठिकाना है भारत । और वो भी मुसलमान , ईसाई , कम्युनिस्ट और सेक्युलर हिन्दू के कब्जे में है । शुद्ध हिन्दू जो आर्य है और सामान्य हिन्दू सभी दुःखी है ।

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

प्रत्येक व्यक्ति के अंदर ढेर सारी अविद्या है , जो उसके दुखों का कारण है । यही अविद्या व्यक्ति को अपने मन तथा इंद्रियों पर नियंत्रण करने नहीं देती। इस अविद्या के कारण व्यक्ति सारा दिन संसार की चीजों में ही उलझा रहता है

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

प्रश्न―"ईश्वर अवतार लेता है"―भगवान श्री कृष्ण ने तो गीता में ऐसा ही कहा है।* उत्तर―*अवतार कहते हैं―ऊपर से नीचे उतरना। आत्मा एकदेशी है, अतः उसका अवतरित होना सम्भव है, इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती। पहले भगवान किसे कहते हैं इसे समझने की आवश्यकता है।

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

आज राष्ट्रगान के रचियता, नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर का जन्मदिवस है। इस अवसर पर गुरुदेव के द्वारा महर्षि दयानन्द की स्मृति में दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि को प्रस्तुत कर रहे है

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

प्राचीन भारत के १३ विश्वविद्यालय, जहां पढ़ने आते थे दुनियाभर के छात्र। तुर्की मुगल आक्रमण ने सब जला दिया । बहुत से हिन्दू मंदिर लुटे गये।

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

एक शास्त्रार्थ में मौलाना सनाउल्लाह ने कहा , पंडित जी ! जहाँ आपके " राम ' समाप्त होते हैं ( "म ' पर ) वहीं हमारे मोहम्मद साहब शुरू होते हैं । अतः अब आपको राम का नाम को छोड़कर मोहम्मद का जप करना चाहिए ।

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

वेद संस्कृति, विज्ञान, शिक्षा के मूलाधार है। वेद विद्या के अक्षय भण्डार और ज्ञान के अगाध समुद्र है। संसार में जितना भी ज्ञान, विज्ञान, कलाएँ हैं, उन सबका आदिस्रोत वेद है।

और अधिक पढ़ें  
1 कमैंट्स

प्र.१ - वेद किसे कहते है ? उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है। प्र.२ - वेद-ज्ञान किसने दिया ? उत्तर- वेद ज्ञान, ईश्वर ने दिया।

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

मूर्ति पूजा कहाँ से चली ?* *उत्तर- जैनियों से* *जैनियों ने कहाँ से चलाई ?* *उत्तर- अपनी मूर्खता से* *पुराण कुरान बाईबल की तरह जैनियों के ग्रन्थों में भी गपोडबाजी ज्यादा है ।*

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी जी एक युवक दार्शनिक विद्वान् थे जिन्होंने चौबीस वर्ष (24) की अल्पायु में ही संस्कृत, अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी, वैदिक साहित्य, अष्टाध्यायी, भाषा विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, नक्षत्र विज्ञान, शरीर विद्या, आयुर्वेद, दर्शन शास्त्र, इतिहास, गणित आदि का जो समयक ज्ञान प्राप्त कर लिया था

और अधिक पढ़ें  
0 कमैंट्स

क्या मांस का भूख से सम्बन्ध है ?? भीष्म पाल यादव एवं सनातन धर्म पे आक्षेप उठाने वालो को उत्तर -- उन्होंने रामायण में कुछ श्लोक बताये हैं , जहाँ पे उन्होंने कहा है कि रामायण में मांस भक्षण है , उनके इस आक्षेप को इस लिंक पे जाकर देख सकते हैं, और हम उनके सब प्रश्नों का उत्तर एक एक करके अलग अलग उद्धरणों में देखेंगे --

और अधिक पढ़ें  
1 कमैंट्स
I BUILT MY SITE FOR FREE USING