प्रत्येक व्यक्ति के अंदर ढेर सारी अविद्या है , जो उसके दुखों का कारण है । यही अविद्या व्यक्ति को अपने मन तथा इंद्रियों पर नियंत्रण करने नहीं देती। इस अविद्या के कारण व्यक्ति सारा दिन संसार की चीजों में ही उलझा रहता है

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