*मूर्ति पूजा कहाँ से चली ?*
*उत्तर- जैनियों से*
*जैनियों ने कहाँ से चलाई ?*
*उत्तर- अपनी मूर्खता से*
*पुराण कुरान बाईबल की तरह जैनियों के ग्रन्थों में भी गपोडबाजी ज्यादा है ।*
*जैन ग्रन्थों के गपौडे-सत्यार्थप्रकाश १२ वां समुल्लास*
अब जैनियों की और भी थोड़ी सी असम्भव कथा लिखते हैं, सुनना चाहिये और यह भी ध्यान में रखना कि अपने हाथ से साढ़े तीन हाथ का धनुष होता है और काल की संख्या जैसी पूर्व लिख आये हैं वैसी ही समझना। रत्नसार भाग 1। पृष्ठ 166-167 तक में लिखा है—
(1) ऋषभदेव का शरीर 500 पांच सौ धनुष् लम्बा और 8400000 (चौरासी लाख) पूर्व का आयु।
(2) अजितनाथ का 450 धनुष् परिमाण का शरीर और 7200000 (बहत्तर लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(3) सम्भवनाथ का शरीर 400 चार सौ धनुष् परिमाण शरीर और 6000000 (साठ लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(4) अभिनन्दन का 350 साढ़े तीन सौ धनुष् का शरीर और 5000000 (पचास लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(5) सुमतिनाथ का 300 धनुष् परिमाण का शरीर और 4000000 (चालीस लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(6) पद्मप्रभ का 140 धनुष् का शरीर और परिमाण 3000000 (तीस लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(7) पार्श्वनाथ का 200 धनुष् का शरीर और 2000000 (बीस लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(8) चन्द्रप्रभ का 150 धनुष् परिमाण का शरीर और 1000000 (दस लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(9) सुविधिनाथ का 100 सौ धनुष् का शरीर और 200000 (दो लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(10) शीतलनाथ का 90 नब्बे धनुष् का शरीर और 100000 (एक लाख) पूर्व वर्ष का आयु।
(11) श्रेयांसनाथ का 80 धनुष् का शरीर और 8400000 (चौरासी लाख) वर्ष का आयु।
(12) वासुपूज्य स्वामी का 70 धनुष् का शरीर और 7200000 (बहत्तर लाख) वर्ष का आयु।
(13) विमलनाथ का 60 धनुष् का शरीर और 6000000 (साठ लाख) वर्षों का आयु।
(14) अनन्तनाथ का 50 धनुष् का शरीर और 3000000 (तीस लाख) वर्षों का आयु।
(15) धर्मनाथ का 45 धनुष् का शरीर और 1000000 (दस लाख) वर्षों का आयु।
(16) शान्तिनाथ का 40 धनुषों का शरीर और 100000 (एक लाख) वर्ष का आयु।
(17) कुन्थुनाथ का 35 धनुष् का शरीर और 95000 (पचानवें सहस्र) वर्षों का आयु।
(18) अमरनाथ का 30 धनुषों का शरीर और 84000 (चौरासी सहस्र) वर्षों का आयु।
(19) मल्लीनाथ का 25 धनुषों का शरीर और 55000 (पचपन सहस्र) वर्षों का आयु।
(20) मुनि सुव्रत का 20 धनुषों का शरीर और 30000 (तीस सहस्र) वर्षों का आयु।
(21) नमिनाथ का 14 धनुषों का शरीर और 10000 (दश सहस्र) वर्षों का आयु।
(22) नेमिनाथ का 10 धनुषों का शरीर और 10000 (दश सहस्र) वर्ष का आयु।
(23) पार्श्वनाथ 9 हाथ का शरीर और 100 (सौ) वर्ष का आयु।
(24) महावीर स्वामी का 7 हाथ का शरीर और 72 वर्षों की आयु।
—ये चौबीस तीर्थङ्कर जैनियों के मत चलाने वाले आचार्य और गुरु हैं। इन्हीं को जैनी लोग परमेश्वर मानते हैं और ये सब मोक्ष को गये हैं। इसमें बुद्धिमान् लोग विचार लेवें कि इतने बड़े शरीर और इतना आयु मनुष्य देह का होना कभी सम्भव है? इस भूगोल में बहुत ही थोड़े मनुष्य वस सकते हैं। इन्हीं जैनियों के गपोड़े लेकर जो पुराणियों ने एक लाख, दश सहस्र और एक सहस्र वर्ष का आयु लिखा सो भी सम्भव नहीं हो सकता तो जैनियों का कथन सम्भव कैसे हो सकता है ।