27 Apr
27Apr


एक शास्त्रार्थ में मौलाना सनाउल्लाह ने कहा , पंडित जी ! जहाँ आपके  " राम ' समाप्त होते हैं  ( "म ' पर ) वहीं हमारे मोहम्मद साहब शुरू होते हैं । अतः अब आपको राम का नाम को छोड़कर मोहम्मद का जप करना चाहिए । 

 शास्त्रार्थ महारथी रामचन्द्र देहलवी जी बोले " शाबाश मौलाना साहब ! बहुत सुन्दर !  परन्तु मौलाना साहब बीच  में  क्यों रुक गए आगे भी कहो ।'  मौलाना बोले , आगे क्या है ? यह आप ही कह दीजिए  । पंडित जी बोले ,  मौलाना साहब ! जहाँ  आपके  " मोहम्मद साहब ' समाप्त होते हैं ,  ("द ' पर ) वहाँ से दयानन्द शुरू हो जाते हैं । इसलिए मोहम्मद साहब को छोड़कर दयानन्द के गीत गाओ । 

मौलाना ने पूछा दयानन्द समाप्त कहाँ होते हैं ? " पंडित जी बोले  , दयानन्द जहाँ से प्रारम्भ होता है  वहीं समाप्त होता है  "अर्थात "द '   से प्रारंभ  होकर "द'पर ही समाप्त होता  है । 

इस तर्कपूर्ण उत्तर  को सुनकर मौलाना की बोलती बन्द हो गई  । 📚📚📚📚📚👆👆👆👆

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