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‘वैदिक शिक्षा पद्धति से प्रभावित एवं संचालित महर्षि दयानन्द गुरुकुल महाविद्यालय, पूठ (पुष्पावती)’
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ऋषि दयानन्द निर्दिष्ट वैदिक शिक्षा पद्धति से संचालित एक गुरुकुल है ‘‘महर्षि दयानन्द गुरुकुल महाविद्यालय, पूठ”। यह गुरुकुल गढ़मुक्तेश्वर के निकट पूठ ग्राम में है। पत्रालय बहादुरगढ़, तहसील गढ़मुक्तेश्वर तथा जिला हापुड, पिनकोड 245208, उत्तर प्रदेश में है। गुरुकुल से सम्पर्क के लिये मोबाइल न0 9411029775 एवं 9410638444 है। इस गुरुकुल की स्थापना आर्यजगत के सुप्रसिद्ध विद्वान संन्यासी स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती जी ने दिनांक 31-8-1983 को की थी। स्वामी जी का पूर्व आश्रम का नाम आचार्य धर्मपाल है। गुरुकुल का संचालन एक संचालन समिति करती है जिसका नाम ‘‘गुरुकुल विद्यापीठ पुष्पावती पूठ-बहादुरगढ़, हापुड़ (उत्तरप्रदेश)’’ है। गुरुकुल गतिशील है एवं अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर रहा है। गुरुकुल में आर्ष शिक्षा प्रणाली से अध्ययन होता है। इसके साथ ही परीक्षाओं के लिये यह गुरुकुल उ0प्र0 माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद् लखनऊ तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से सम्बद्ध है। गुरुकुल सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से व्याकरण आचार्य कक्षा पर्यन्त मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में इस गुरुकुल में कक्षा-वार छात्रों की संख्या निम्न हैः
प्रथम - 45
पूर्व मध्यमा - 30
उत्तर मध्यमा - 20
शास्त्री - 11
आचार्य - 13
कुल संख्या: -119
यह गुरुकुल 4 एकड़ भूमि में स्थित है। गुरुकुल में भवनों की संख्या विषयक विवरण निम्नानुसार हैः
छात्रावास - 5
कक्षा कक्ष - 10
पुस्तकालय कक्ष - 1
भोजनालय - 1
कार्यालय - 2
अतिथि गृह - 2
आचार्य कक्ष - 10
कर्मचारी कक्ष - 2
भण्डार - 4
पाकशाला- 2
कुल कक्ष - 39
गुरुकुल के अन्तर्गत आदर्श गौशाला एवं वानप्रस्थ आश्रम का संचालन भी किया जाता है। शिक्षणेतर गतिविधियों का विवरण निम्नानुसार हैः
1- आर्य वीर दल की शाखा एवं शिविर,
2- यज्ञ प्रशिक्षण,
3- संस्कार प्रशिक्षण,
4- संस्कृत सम्भाषण शिविर,
5- योगाभ्यास
6- धनुर्विद्या प्रशिक्षण एवं
7- भाषण एवं भजन आदि।
गुरुकुल की उपलब्धियां:
1- गुरुकुल के स्नातक अध्यापक एवं पुरोहित तथा आर्यसमाज के भजनोपदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
2- कुछ स्नातक आर्य संन्यासी एवं उपदेशक बनकर प्रचार कर रहे हैं।
गुरुकुल की आय का स्रोत धर्म प्रेमियों से प्राप्त दान, सरकारी अनुदान एवं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान से प्राप्त अनुदान हैं।
गुरुकुल की आवश्यकतायें:
1- पुस्तकालय भवन
2- सत्संग भवन,
3- कम्प्यूटर प्रशिक्षण कक्ष एवं कम्प्यूटर,
4- विद्यालय भवन हेतु कक्ष,
5- व्यायामशाला एवं उसके साधन
6- ध्वनि विस्तारक यंन्त्र,
7- वेद प्रचार वाहन,
8- सौर ऊर्जा प्लान्ट एवं पानी की टंकी।
इस गुरुकल के अधिकारियों की सरकार से अपेक्षा है कि वह एक गुरुकुल आयोग बनाकर आवश्यकतानुसार गुरुकुल को आर्थिक सहयोग प्रदान करे।
गुरुकुल के प्राचार्य आचार्य राजीव कुमार आचार्य हैं। प्रबन्ध समिति के प्रधान स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती जी, सचिव श्री दिनेश कुमार आचार्य तथा कोषाध्यक्ष श्री महेश कुमार आर्य हैं। प्रबन्धक के पद पर आर्यसमाज के विख्यात संन्यासी एवं अनेक गुरुकुलों के संस्थापक स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी विराजमान हैं।
-मनमोहन कुमार आर्य